asset kya hota hai, Assets and Liabilities meaning in hindi, Current Assets kya hai, एसेट्स क्या है, लायबिलिटी क्या है, एसेट क्या होता है
आप एसेट का नाम कहीं न कहीं जरूर सुना होगा, कहीं नहीं तो फिल्मों में तो जरूर सुना होगा, और इसी के हिसाब से आपके दिमाग में कभी ना कभी यह सवाल जरूर आए होंगे की एसेट क्या होते है, एसेट का क्या मतलब होता है?
एसेट क्या होता है(Asset meaning in Hindi)
अगर एसेट की सबसे आसान भाषा बताऊं तो, एसेट वो होते है जो आपकी जेब में पैसे को लाते है, जो आपको पैसे कमाकर देते है।
एसेट एक ऐसा संसाधन होता है जो किसी व्यक्ति, कंपनी या देश का होता है जिससे उन्हें भविष्य में मुनाफा मिल सके।
मुझे एसेट और लायबिलिटी का concept सबसे पहले रिच डैड पूअर डैड किताब जो रॉबर्ट टि कियोसकी की बाद उसको पढ़ने के बाद समझ आया था।
कंपनी की बैलेस सीट पर कंपनी के पास जितने एसेट होते है उनको दर्शाया जाता है और किसी कंपनी के पास ज्यादा एसेट होने से कंपनी को काफी फायदा मिलता है और कंपनी को काफी वित्तीय मदद मिलती है।
अगर किसी व्यक्ति के पास ज्यादा एसेट है तो यह उसके लिए फायदेमंद होता है क्युकी आप अपने लिए जितने ज्यादा एसेट बनाते है आप उतने अमीर होते जाते है, क्युकी मुकेश अंबानी के पास बहुत ज्यादा एसेट है जो दिन रात उसे पैसे कमाकर दे रहे है इसी कारण से वो आज हमारे देश के सबसे अमीर इंसान है।
इसी लिए हमेशा अपने लिए ज्यादा से ज्यादा एसेट बनाने की कोशिश करे।
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पर्सनल एसेट क्या होता है(personal assets)
Personal एसेट ऐसी चीज होती है जो किसी व्यक्ति को वर्तमान या भविष्य में फायदा या पैसा दे सके उन्हें पर्सनल एसेट कहते है।
सामान्यत पर्सनल एसेट में निम्नलिखित चीज शामिल होती है –
- कैश या पैसा
- आपकी बचत पूंजी
- आपकी प्रॉपर्टी
- आपका कोई फायदा देने वाला बिजनेस
- म्यूचुअल फंड
- शेयर मार्केट में पैसे
- लाइफ और मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी
इत्यादि वो सारी चीज़े हो सकती है जो आपको पैसे कमाकर देती है या जिन चीज़ों को वजह से आपकी जेब में पैसे आते है वो सब आपके पर्सनल एसेट होते है।
जब आपकी या किसी भी व्यक्ति की नेटवर्थ निकाली जाती है तो उसके सारे एसेट में से लायबिलिटी को घटाया जाता है इसके बाद जो बचता है वह उस व्यक्ति की नेटवर्थ कहलाती है।
जैसे की –
नेटवर्थ= एसेट-लायबिलिटी
लायबिलिटी का मतलब होता है की कर्ज या जो आपको वापिस लोटना हो, वो सारी चीज़े लायबिलिटी होती है जैसे की बैंक का कर्ज, किसी की उधारी या अगर आसान भाषा में कहा जाए तो
वो सारी चीज़े जो आपकी जेब से पैसे को बाहर लेकर जाती है वो लायबिलिटी कहलाती है।
बिजनेस एसेट(Business assets)
एक बिजनेस के लिए वो सारी चीज़े एसेट होती है जो उसके प्रोडक्शन और बिजनेस को आगे बढ़ाने में सहायक होती है।
जैसे की मशीनें, प्रॉपर्टी, बिल्डिंग, कच्चा माल़ और इसी के साथ साथ कुछ इंटेंजिबल एसेट भी हो सकते है जैसे की पेटेंट, रॉयल्टी इत्यादि।
किसी भी बिजनेस के एसेट और लायबिलिटी को उस कंपनी की बैलेंस शीट में देखा जा सकता है।
एसेट के प्रकार(types of assets in hindi)
1. करेंट एसेट(Current Assets kya hai) –
करेंट एसेट थोड़े समय के आर्थिक संसाधन होते है जिनको एक साल के अंदर कैश(पैसे) में बदला जा सकता है, उन्हें करेंट एसेट कहते है।
2. फिक्स्ड एसेट(fixed assets kya hota hai)
फिक्स्ड एसेट ऐसे एसेट होते है जो जिनको कैश में बदलने के लिए लंबा समय लगता है, जैसे की पेड़, बिल्डिंग और कोई अन्य सामान आदि को फिक्स्ड एसेट कहा जाता है।
3. इंटेंजिबल एसेट (intangible assets meaning in hindi)

ये ऐसे एसेट होते है जिनको छुआ नहीं जा सकता है मतलब की ये एसेट फिजिकल नहीं होते है। अगर इन एसेट के उदाहरण की बात की जाए तो जैसे पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, आपके ऑनलाइन कोर्स और आपकी यूट्यूब विडियो जो आपको हर समय पैसे देती है पर आप उनको छू नहीं सकते है।
आखिरी शब्द –
क्या आपको अपनी जिंदगी में अमीर बनना है?
हां, लगभग हर कोई अपनी जिंदगी में अमीर बनना चाहता है!
अगर ऐसा है तो आपको अपने लिए अभी से ही एसेट इकट्ठे करना शुरू कर देना चाहिए, ताकि आपको पूरी उम्र काम न करना पड़े आप जल्दी ही रिटायर हो सके और आपके एसेट आपके लिए कमाते रहे।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको समझ आ गया होगा की एसेट क्या होते है।
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