Dmart कैसे बनी इतनी बड़ी कंपनी – Dmart case study hindi

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      कुछ साल पहले मार्केट में हर तरफ रिलायंस और बिग बाज़ार के स्टोर ही ज्यादातर होते थे, पर पिछले कुछ ही सालो में मार्केट में एक नए नाम ने अपनी काफ़ी अच्छी जगह बना ली है जिसका नाम है Dmart

तो आज मै आपको बताऊंगा कि कैसे एक न्यी कंपनी ने इतनी जल्दी एक्सपैंड किया और जहां बड़ी बड़ी कंपनिया मिनाफे के लिए तरसती है वहां Dmart अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है। तो कैसे किया उन्होंने ये सब कुछ आज कि इस जानकारी में आप बने रहिए मेरे साथ, आपको आज बहुत कुछ सीखने को मिलने वाला है। और यहां से सीख लेकर आप अपने बिजनेस के लिए भी कुछ स्टेप्स को फॉलो कर सकते हो।

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Dmart के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां –

   Avenue Supermarts Limited जो कि Dmart के नाम से प्रसिद्ध है, इसकी शुरुआत राधाकृष्णन दमानी ने सन् 2002 में एक स्टोर से कि थी। 2020 आते आते dmart के भारत के कुल 11 राज्यो के 72 अलग अलग शहरों में 196 स्टोर हो गए। 

   राधाकृष्णन दमानी एक सफल निवेशक भी है। 

Dmart slotting fees-

D-mart और इस जैसे बाकी स्टोर भी अपने वेंडर से कुछ पैसे लेते है क्युकी वो उन वेंडर का सामान अपने स्टोर में बेचने के लिए रखते है, इसको बोलते है slotting फीस।

क्यों dmart अपना सामान इतने सस्ते दामों में बेच पाता है

  1. जब भी कोई मैनुफैक्चरर(सामान बनाने वाली) कोई सामान बनाता है तो वो चाहता है कि उसका सामान भी dmart और बिग बाज़ार जैसे बड़े स्टोर में बिके ताकि उनकी सेल में बढ़ोतरी आए और क्युकी इसके स्टोर कि संख्या काफ़ी ज्यादा होती है तो dmart उस मैनुफैक्चरर से एक फीस लेती है उनका प्रोडक्ट अपने स्टोर में बेचने के लिए, इससे जिस मूल्य पर वो प्रोडक्ट एक दुकानदार के पास आना चाहिए वो उससे कहीं सस्ता आ जाता है इन D-Mart स्टोर में, तो इसी पैसे का प्रयोग ये स्टोर डिस्काउंट देने में करते है इससे कोई भी आम दुकानदार उनका मुकाबला नहीं कर सकता है, क्युकी मैनुफैक्चरर दुकानदार को सामान स्टोर से ज्यादा कीमत पर देता है।
  1.  80 प्रतिशत से भी ज्यादा dmart के स्टोर उनके खुद के है। इसमें इनको शुरुआत में स्टोर की संख्या में बढ़ोतरी करने में समय तो काफ़ी लगा पर अभी इनके पास काफ़ी सारे स्टोर हो गए है जिससे कि पैसा ज्यादा आ रहा है तो आगे की ग्रोथ वो जल्दी कर पाएंगे। इससे फायदा ये है कि एक बार स्टोर बन गया तो उसका किसी को रेंट नहीं देना है क्युकी स्टोर इनका खुद का होता है।
  1.  Dmart अपने खर्चे कम से कम रखने की कोशिश करता है क्युकी उनके स्टोर में आपको बहुत ज्यादा स्टाफ नहीं मिलेगा जो आपकी मदद करे और आपको सामान के बारे में बताए जैसे की ओर दूसरे ब्रांडेड स्टोर में आपको मिलते है, dmart में आपको कम स्टाफ, कम काउंटर और नजदीक नजदीक रखा हुआ सामान मिलेगा जिससे कि वो अपने खर्चे कम कर सके और आपको सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध करा पाए।
  2.  Dmart अपना सामान बल्क (बहुत ज्यादा मात्रा) में खरीदता है जिससे कि वो मैनुफैक्चरर से ज्यादा से ज्यादा डिस्काउंट ले पाए। 

       क्युकी जब किसी कंपनी से हम कोई सामान ज्यादा मात्रा में खरीदते है तो वो हमे एक अच्छा डिस्काउंट दे देते है।

  1. Dmart अपने मैनुफैक्चरर(निर्माता) को जल्दी से जल्दी पेमेंट करता है जिससे कि वो ओर भी ज्यादा डिस्काउंट उनसे ले पाए।
  2. Dmart ज्यादा से ज्यादा आपके एरिया की चीज़े रखने में विश्वास करता है जैसे कि अगर उनका स्टोर साउथ में होगा वो को चीजे साउथ में प्रसिद्ध है तो वो सारे चीज़े वहा के dmart store में आपको मिल जाएगी, इससे लोगो का विश्वास और इमोशन D-Mart के साथ बढ़ता ही जा रहा है।

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  तो इन्हीं कुछ तरीको के कारण dmart बिना नुकसान सहे भी अपने प्रोडक्ट को ओरो से ज्यादा डिस्काउंट में बेच पाते है और दूसरो के लिए इस बिजनेस मॉडल को कॉपी करना मुश्किल साबित हो रहा है, यही वो कारण है कि dmart मुनाफा कमाकर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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