दोस्तों आज मैं आपके लिए एक ऐसा बिजनेस आइडिया लेकर आया हूं जिसको आप घर से ही बिल्कुल कम इन्वेस्टमेंट में शुरू कर सकते है और उसको एक बड़े स्तर पर लेकर जा सकते हो ,और इससे अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते है, उसका नाम है हाइड्रोपोनिक फार्मिंग आज हम इसी के बारे में सीखने वाले हैं।
हाइड्रोपोनिक फार्मिंग आजकल काफी ज्यादा लोकप्रिय होती जा रही है क्योंकि इसके फायदे काफी सारे हैं हाइड्रोपोनिक ज्यादा जमीन की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इसमें थोड़ी सी जगह में लेयर के रूप में खेती की जा सकती है।
आज के समय में खेती करने योग्य जमीन पानी कि कमी होती जा रही है इस समस्या से निपटने के लिए हाइड्रोपोनिक फार्मिंग एक काफी सही चुनाव है। क्योंकि इसमें जमीन की जरूरत बहुत कम होती है और पानी भी खराब नहीं होता है।
हाइड्रोपोनिक में हम सब्जियां वह कुछ फलो को उगा सकते हैं और हमारी नजदीकी मार्केट में बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
हाइड्रोपोनिक फार्मिंग क्या है (हाइड्रोपोनिक खेती की जानकारी) –
हाइड्रोपोनिक फार्मिंग सामान्यता एक छत के नीचे की जा सकती है, घर के अंदर की जाती है या ग्रीन हाउस में की जाती है। इस प्रकार की खेती आप खुले में भी कर सकते हैं जहां पर प्राकृतिक सूर्य की किरने मौजूद होती हैं।
हाइड्रोपोनिक में आप लेयर के रूप में खेती कर सकते है, जहाँ पर पाइपलाइन के अन्दर से पोषक तत्व युक्त पानी बहता रहता है और उसके ऊपर पोधे खड़े रहते है, इसमें पोधे की जड़े पानी के अन्दर डूबी रहती है. इस प्रकार की खेती करने के लिए आपको मिट्टी की जरूरत नही पड़ती है.
हाइड्रोपोनिक खेती आप नीचे फोटो में देख सकते है.

हाइड्रोपोनिक फार्मिंग में किसानों को काफी फायदा मिलता है जिससे कि वह अपने खर्चे भी चला सके और फार्म को आगे बढ़ाकर मुनाफा भी कमा सकें।
अगर आप सब्जियों को मार्केट में बेचने के लिए हाइड्रोफॉर्मिंग नहीं कर रहे तो आप अपने घर परिवार की सब्जी की पूर्ति के लिए भी हाइड्रोफॉर्मिंग अपने घर में ही कर सकते हैं अपने बेडरूम में भी कर सकते हैं क्योंकि इसमें मिट्टी की जरूरत बिल्कुल नहीं होती।
भारत में यह बिजनेस काफी तेजी से फैल रहा है क्योंकि इसमें लागत काफी कम है और डिमांड कभी खत्म नहीं होने वाली है।
हाइड्रोपोनिक मूल बातें –
हाइड्रोपोनिक फार्मिंग के लिए आपको जगह की जरूरत पड़ती है यह जगह आपकी छत पर भी हो सकती है या फिर आपके खेत या प्लॉट में भी हो सकती है जगह आप अपने अनुसार निर्धारित कर सकते हैं कि आपको कितना बड़ा फार्म लगाना है।
उसके बाद आपको उस जगह को कवर करना होता है जैसे कि आप फोटो में देख सकते हैं।
इस तरीके की फार्मिंग के लिए आपको हमेशा पानी की जरूरत नहीं होती आप फ्रेश पानी का थोड़ा बहुत भंडार अपने फार्म पर रख सकते हैं। इसमें वहीं पानी बार-बार पौधों की जड़ों के नीचे से घूमता रहता है।
पानी में घोलने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है क्योंकि पौधे सिर्फ पानी की वजह से ही जिंदा नहीं रह सकते उन्हें कुछ पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है जोकि सामान्यतः पौधों मिट्टी से लेते हैं क्योंकि इसमें मिट्टी नहीं होती सिर्फ पानी होता है तो वह सारे पोषक तत्व आपको अलग से पानी में घोलने होते हैं और वही बार-बार पौधों की जड़ों के नीचे से घूमते रहते हैं।
इसमें एक मोटर की भी जरूरत होती है जो पानी को प्रेशर देती है जिससे वह पानी पौधों की जड़ों के नीचे से बहता रहता है।
हाइड्रोपोनिक आपको बिजली की जरूरत हर समय पड़ती है इसके लिए आप चाहें तो अपने फार्म पर इनवर्टर बैटरी रख सकते हैं ,सोलर पैनल लगा सकते हैं क्योंकि बिजली कभी भी जा सकती है और जब भी बिजली जाती है तब पौधों में पानी की सप्लाई बंद हो जाती है जिससे पौधे मर भी सकते हैं।
फार्म में एग्जॉस्ट फैन का होना बहुत जरूरी है जिससे कि हम तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं और पौधों को एक अनुकूल मौसम प्रदान कर सकते हैं।
मार्केट –
सब्जी की जरूरत हर दिन हर घर को पड़ती है। तो सब्जी बेचने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
सब्जियों की सप्लाई आप अपने नजदीकी रेस्टोरेंट में कर सकते हैं या फिर नजदीकी मंडी में भी भेज सकते हैं।
इस प्रकार के बिजनेस में आप सब्जी की अपनी खुद की ब्रांड भी बना सकते हैं जिससे सब्जी को आप अपने फार्म पर ही स्टोर बनाकर लोगों को सीधा बेच सकते हैं जिससे आपको काफी ज्यादा मुनाफा मिल सकता है।
अगर आप शहर में रहते हैं तो आप अपने घर में या फिर घर की छत पर इस बिजनेस को करके अपनी खुद की कॉलोनी में सब्जी की सप्लाई कर सकते हैं ताकि लोगों को सब्जी लाने के लिए मंडी ना जाना पड़े।
हाइड्रोपोनिक फॉर्म में आप साल के 12 महीने खेती कर सकते हैं जिससे कि आपको साल भर मुनाफा मिलता रहता है।
इसमें बाहर का मौसम कोई मायने नहीं रहता चाहे मौसम कैसा भी हो आप की फसल जरूर उगती है।
एक बार जब आप हाइड्रोपोनिक फार्मिंग करने लगते हैं और आपका फार्म बड़ा हो जाता है तब आप ना सिर्फ सब्जियां भेज कर मुनाफा कमाते हैं बल्कि आप दूसरों को ट्रेनिंग भी दे सकते हैं कि वह लोग कैसे हाइड्रोपोनिक फार्मिंग कर सकते हैं इससे आप का मुनाफा काफी ज्यादा बढ़ जाएगा।
हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग –
क्या ट्रेनिंग जरूरी है –
- कोई भी बिना ट्रेनिंग या बिना किसी के सिखाए कोई चीज नहीं सीख पाता है।
- अगर आप ट्रेनिंग नहीं लेंगे तो आप बिजनेस के शुरुआत में ही कई गलतियां कर देंगे और जिससे आपको काफी पैसों का नुकसान भी हो सकता है।
- ट्रेनिंग के दौरान आप बहुत कुछ सीखते है जैसे कि ph को कैसे नियंत्रित करना होता है, कैसे पोषक तत्व घोलने है आदि जैसे कई सारी चीज़े होती है।
- हाइड्रोपोनिक खेती अन्य खेती के मुकाबले काफी अलग होती है और इस खेती की काफी सारी बाते और प्रैक्टिकल ज्ञान आपको ट्रेनिंग के बाद ही पता चल पाता है।
हाइड्रोपोनिक ट्रेनिंग सेंटर –
भारत में हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग देने के लिए अलग अलग हिस्सों में काफी सारे टर्निंग सेंटर मौजूद है।
अगर आपको पाने आसपास हाइड्रोपोनिक फॉर्म ढूंढना है और उस फॉर्म पर जाकर देखना है तो आप अपना गूगल मैप खोले और उसमे हाइड्रोपोनिक फॉर्म सर्च करे आपको अपने आसपास कई सारे फॉर्म मिल जाएंगे और उन फॉर्म के फोन नंबर मिल सकते है, तो इस तरीके से आप उनसे बातचीत कर सकते है।
दिल्ली में हाइड्रोपोनिक खेती ट्रेनिंग सेंटर –
- पोनिक ग्रीनस – MG रोड, सेक्टर 28, नई दिल्ली
- हाइड्रो कंट्रोल्स – C167, नारायण इंडस्ट्रियल एरिया, phase 1, नई दिल्ली
महाराष्ट्र में हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग –
- हाइड्रोपोनिक फार्मिंग ट्रेनिंग सेंटर – नरायानगांव, जुनार रोड, हापुस बाग, महाराष्ट्र
- शिवराज ग्रीन टेक – 139, पिंपरी चिंचवाड़ रोड, महादेव नगर, भोसारी, पुणे
उत्तर प्रदेश में हाइड्रोपोनिक खेती ट्रेनिंग सेंटर –
- हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी संस्था – नॉलेज पार्क 3, ग्रेटर नोएडा, UP 201310
अगर आपको किसी अन्य जगह पर ट्रेनिंग सेंटर ढूंढना है तो आप गूगल की मदद ले सकते है, ये काफी आसान होगा आपको अपने फोन में गूगल खोलना है और “हाइड्रोपोनिक ट्रेनिंग सेंटर आपके एरिया का नाम” लिखकर सर्च करना है।
दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि आप भी हाइड्रोपोनिक फार्मिंग के बिजनेस में सफल जरूर हो सकते हो। आपको यह जानकारी कैसी लगी आप मुझे नीचे कमेंट में बता सकते हैं और अगर अभी भी इस बिजनेस से संबंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट कर सकते हैं ,मैं उत्तर देने की कोशिश जरूर करूंगा। अब आप इस जानकारी को ओर भी लोगों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर शेयर कर सकते हैं। धन्यवाद