आप बिना marketing के अपने बिज़नेस में सफल नही बन सकते चाहे जितनी मर्जी अच्छा प्रोडक्ट बना लो, क्युकी जब तक लोगो को पता ही चलेगा की आप नही कोई प्रोडक्ट बना रहे हो तब तक वो कैसे खरीदेंगे।
Marketing एक प्रोसेस/प्रक्रिया है जिसमें कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट या सर्विस के potential Customers(जिसको उस सर्विस या प्रोडक्ट कि जरूरत हो) पाती है।
इसमें वो एक शब्द है जो काफ़ी महत्वपूर्ण है ‘process या प्रिक्रिया’, इसी प्रक्रिया में काफ़ी चीज़े जुड़ी रहती है जैसे कि मार्केट कि रिसर्च, प्रोडक्ट या कंपनी का प्रोमोशन, बेचना और उस कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क भी शामिल होता है
एक अच्छी मार्केटिंग वो होती है जिसमें आप कस्टमर्स के लिए कुछ ऐसा एन्वायरमेंट बनाओ जिससे कि आपके कस्टमर्स को खुद ही लगे कि इनका ये प्रोडक्ट मेरे लिए है, या फिर भविष्य में जब भी में ऐसा कुछ प्रोडक्ट लूंगा तो इनका ही लूंगा।
मार्केटिंग का मतलब सिर्फ बेचना नहीं होता है, क्युकी अगर आप बड़ी कंपनियों के उदहारण से देख सकते है कि क्या कभी आपको amzon ये flipkart से फोन आया कि sir हमारा ये प्रोडक्ट आप ले लो? आपको नहीं आया होगा पर उन लोगो ने मार्केटिंग ही ऐसी की है कि हमे खुद ही लगने लगता है कि अगर फोन लेंगे तो amazon से ही ऑर्डर करेंगे। तो यही होती है एक अच्छी मार्केटिंग।
कुछ कंपनी अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग एफिलिएट प्रोग्राम के तहत भी करती है।
marketing में वो सब कुछ आता है जो कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विस को प्रोमोशन से लेकर बेचने तक करती है।
मार्केटिंग का बेसिक –
मार्केटिंग में खाली प्रोडक्ट की ads ही नहीं होती, काफ़ी सारे लोगों के दिमाग में यही होता है कि किसी प्रोडक्ट का प्रोमोशन या उसकी एड को ही मार्केटिंग कहते है, पर ऐसा नहीं है मार्केटिंग में काफ़ी सारी चीज़े आती है ये एक प्रोसेस है जिसके तहत प्रोडक्ट को डिजाइन करने से लेकर, अपने कस्टमर के साथ एक रिश्ता बनाना, कस्टमर्स को ऑफर देना, अपने पुराने कस्टमर को साथ जोड़कर रखना, कुछ ऐसी प्रोसेस अपनी कंपनी में बनाना जिससे कि कस्टमर्स बार बार आपके पास ही आए और कस्टमर्स को ईमेल या मेसेज भेजना आदि सब कुछ मार्केटिंग में ही आता है।
मार्केटिंग में अपनी कंपनी का प्रोडक्ट या सर्विस, कस्टमर्स जो लेना चाहता है उसे मिलाना होता है, कस्टमर्स की जरूरत को पहचानकर उसे पूरा करना होता है और साथ ही साथ अपनी कंपनी का प्रॉफिट भी ध्यान में रखना होता है, उसमे ये नहीं होना चाहिए कि कंपनी घाटे में ही चली जाए कस्टमर्स के फायदे के चक्र में, तो ये सब भी मार्केटिंग में आता है।
4 P’s in marketing in hindi –
मार्केटिंग में साल 1950 में नील बॉर्डिन ने marketing mix और 4 Ps का फंडा बताया था।
मार्केटिंग में 4 Ps का मतलब
P- Product
P- Price
P- Place
P- Promotion
होता है।
चलिए अब हम marketing के 4 Ps को समझ लेते है
- Product –
इसमें सबसे पहले नंबर पर आता है प्रोडक्ट, इसका मतलब होता है कि आपका प्रोडक्ट जो आप बनाने हा रहे हो वो बहुत ही उत्तम होना चाहिए, उसे बनाने से पहले आपको मार्केट में गहरी रिसर्च कर लेनी चाहिए।
आपको ये देखना चाहिए कि आपका प्रोडक्ट जो आप बनाने जा रहे हो वो इस मार्केट में कहां स्टैंड करेगा, उसको कैसा कॉम्पिटिशन मिलेगा और उसका कॉम्पिटीटर कौन सा प्रोडक्ट होगा, क्या वो कस्टमर्स की जरूरत को पूरी करेगा या नहीं?
अगर आप जो बनाने जा रहे हो वैसा मार्केट में पहले से ही है तो आपको उससे भी अच्छा प्रोडक्ट मार्केट में लाना होगा जिससे कि आप इस compitition से बाहर हो जाओ।
अगर आप अपने प्रोडक्ट का बहुत ज्यादा प्रोमोशन या ad परोगे तो एक बार तो आप बेच पाओगे पर उसके बाद आप बुरी तरह से फेल हो जाओगे, तो प्रोडक्ट में दम होगा तभी आप आगे जा पाओगे।
- Price –
यह कीमत ये मतलब है कि को प्रोडक्ट कंपनी बनाने जा रही है उसकी कीमत।
जब भी कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट या सर्विस कि कीमत को निर्धारित करती है तो वो उस कीमत में प्रोमोशन, डिस्ट्रीब्यूशन, खुद प्रोडक्ट की कीमत आदि ये सारी कीमत को जोड़ देती है और उसके बाद जो प्राइस निकलकर आती है वो होती है उस प्रोडक्ट की फाइनल कीमत।
इसमें एक ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि को प्रोडक्ट आप बना रहे हो उसके कॉम्पिटिशन वाले प्रोडक्ट की मार्केट में कीमत कितनी है, कहीं ये तो नहीं है कि आप जो प्रोडक्ट बना रहे है वो बहुत ही महंगा हो रहा है आपके कॉम्पिटिशन वाले से, क्वालिटी बराबर होते हुए भी? अगर ऐसा है तो आप कहीं कहीं गलती कर रहे है।
- Place –
जगह से मतलब होता है कि अब आपने प्रोडक्ट या सर्विस को बना दिया है तो अब आप इसको बेचोगे कहां पर, ऑनलाइन स्टोर में या फिर ऑफलाइन स्टोर में?
आप दोनों जगह पर भी भी बेच सकते है,आपको ये निर्धारण करना बहुत ही जरूरी है।
- Promotion –
प्रोमोशन आखिरी P है तो इसमें भी काफ़ी सारी चीज शामिल होती है जिसमें की advertising, लोगो के साथ सम्बन्ध ,sales और ऑफर, स्पोंशरशिप आदि शामिल है।
प्रोमोशन बहुत सारी चीज़ों निर्भर करते है जैसे कि आप कितने ज्यादा लोकप्रिय हो लोगो में, आपका पिछला प्रोडक्शन रहा, आपका कस्टमर्स base कैसा है आदि।
आजकल मार्केटिंग का दौर बदल रहा है आज के समय ज्यादा से ज्यादा लोगो ने ऑनलाइन शॉपिंग करना शुरू कर दिया है ओर ये संख्या धीरे- धीरे बढ़ रहा है। तो इसी चीज के लिए बहुत सारी कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट और सर्विस का डिजिटल या ऑनलाइन प्रोमोशन शुरू कर दिया है Digital Marketing से, ये आपके लिए भी बहुत जरूरी है कि आप इस मौके का फायदा जरूर उठाएं और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करे।
तो मुझे उम्मीद है दोस्तो कि आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी अगर आपके कोई सवाल या सुझाव है तो आप नीचे कमेंट में जरूर बताए साथ ही साथ आपको ये जानकारी कैसी लगी ये भी बताए, आप इसे अपने परिवार या दोस्तो के साथ व्हाट्सएप या फेसबुक पर शेयर करे और हमारी और से सबसे पहले notification पाने के लिए अपना ईमेल देकर सब्सक्राइब करे। धन्यवाद्
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