सब्सिडी(Subsidy kya hai) क्या है? क्यों दी जाती है और कितने प्रकार की है

Subsidy kya hai
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भारत में सब्सिडी कई प्रकार की दी जाती है जिसकी पूरी जानकारी आप इस आर्टिकल में पढ़ने वाले है।

सब्सिडी का नाम आपने काफी बार सुना होगा अगर आप सब्सिडी का मतलब ढूंढ रहे हैं कि आखिर सब्सिडी क्या होती है, सब्सिडी क्यों दी जाती है और सब्सिडी कितने प्रकार की होती है? इन सब सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे।

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सब्सिडी का क्या मतलब होता है (Subsidy kya hai)

सब्सिडी शब्द का मतलब होता है कि सरकार या किसी कंपनी की तरफ से किसी आदमी या संस्था को आर्थिक सहायता या फिर डिस्काउंट का मिलना सब्सिडी कहलाता है।

सब्सिडी का हिंदी में मतलब सहायिकी भी होता है.

किसी भी कंपनी के लिए सब्सिडी देने का मुख्य उद्देश्य यह होता है ताकि आम लोगों के लिए उसका प्रोडक्ट सस्ता हो सके।

बड़े पब्लिक सामान पर सब्सिडी देना काफी महत्वपूर्ण होता है और इससे बहुत सारे समुदायों का भला होता है।

सब्सिडी का मतलब हमेशा पैसा देना ही नहीं होता है पर सरकार की अन्य तरीको से भी मदद कर सकती है जैसे कि टैक्स में छूट देकर आदि।

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सामान्यत सब्सिडी दो प्रकार से दी जाती है

  • डायरेक्ट सब्सिडी(Direct subsidies) – अगर सरकार किसी व्यक्ति को सीधा पैसों के रूप में सब्सिडी देती है यानी की सीधा कैश में फायदा पहुंचाती है उसे डायरेक्ट सब्सिडी कहते है।
  • इंडायेक्ट सब्सिडी(Indirect subsidies) – इसमें सरकार सीधा कैश में फायदा ना देकर टैक्स में छूट दे देती है उसे इंडायरक्ट सब्सिडी कहते है।

सब्सिडी का क्या उदेश्य होता है –

जैसा कि आपको पता है कि भारत विश्व में दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, और भारत में बहुत से लोग गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन कर रहे है ऐसे लोगो को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार सामान पर कुछ सब्सिडी या छूट प्रदान करती है ताकि चीज सस्ती हो सके और कम आय वाले लोग भी कुछ सामान खरीद पाए।

ये बाद हमेशा याद रखे कि सरकार इन चीजो को सस्ती करने के लिए जो सब्सिडी लोगो को प्रदान करती है उसका पैसा सरकार की जेब/खजाने से जाता है।

सब्सिडी आज के समय में कई सारे सेक्टर में दी जाती है जैसे कि एग्रीकल्चर, शिक्षा, तेल और फूड आदि।

भारत सरकार हर साल सब्सिडी के लिए लाखो करोड़ रुपए खर्च करती है।

सब्सिडी कितने प्रकार कि होती है –

प्रोडक्शन सब्सिडी –

जब किसी प्रोडक्ट की सप्लाई या मैन्युफैक्चरिंग बढ़ानी हो तब सरकार इस प्रकार की सब्सिडी प्रोडक्ट बनाने वाले बिजनेस को प्रदान करती है ताकि वह वो प्रोडक्ट जल्दी बना सके।

उपभोग सब्सिडी

इस प्रकार की सब्सिडी सरकार आम लोगो के लिए प्रोडक्ट या सर्विस को सस्ता करने के लिए देती है और साथ हिंताकी उस प्रोडक्ट की मांग मार्केट में बढ़ सके।

निर्यात सब्सिडी –

ये तो आप सब जानते ही होंगे की जब कोई देश ज्यादा से ज्यादा निर्यात करता है तो उस देश में ज्यादा पैसा आता है जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

इसके लिए सरकार निर्यात को बढ़ावा देती है और जो लोग या बिजनेस अपने प्रोडक्ट या सर्विस को देश से निर्यात करते है उनको अच्छी खासी सब्सिडी भी देती है।

इस प्रकार की सब्सिडी का एक बड़ा नुकसान ये होता है की ये लाभ उन बिजनेस करने वालो को ही मिल पाता है इससे वो अपना माला बाहर के देशों में ओर भी अच्छे दामों पर बेचते है और ज्यादा मुनाफा कमाते है। पर इससे सभी टैक्स देने वालो का कोई फायदा नही हो पाता है

सब्सिडी के फायदे या सब्सिडी के लाभ (benefits of subsidy)

सब्सिडी के काफी सारे फायदे होते है जैसे की 

सामान को सस्ता बनाती है ताकि आम आदमी ले सके

सब्सिडी से रोज इस्तेमाल होने वाला सामान सस्ता हो जाता है जिससे आम आदमी उसे खरीद सके जैसे कि फूड, तेल(फ्यूल) आदि। भारत सरकार शिक्षा पर भी सब्सिडी देती है ताकि छात्र शिक्षा हासिल करे और नौकरी या बिजनेस आदि करके अपने देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे।

कई सेक्टरों को खतम होने से बचाती है

कई सारी ऐसी इंडस्ट्री/सेक्टर होते है जो कि मानव की सामान्य जरूरतों को पूरा करने के लिए चलने जरूरी है, पर उन सेक्टरों को लगातार सब्सिडी कि जरुरत पड़ती है और उस सेक्टर के लोगो को लगातार मदद कि जरुरत पड़ती है।

ऐसे सेक्टर के उदाहरण की बात करे तो जैसे खेती बाड़ी या फार्मिंग इंडस्ट्री, मछली उद्योग आदि जैसी कुछ तेजी से आगे बढ़ने वाली छोटी छोटी इंडस्ट्री होती है जिनको सब्सिडी से काफी मदद मिलती है।

मूलभूत जरूरतों का आम आदमी को लाभ मिलता है

ज्यादातर सब्सिडी मूलभूत जरूरतों की चीजों पर मिलती है ताकि आम आदमी उनका उपभोग कर पाए, जैसे कि पानी, खाना, शिक्षा आदि चीजों का ज्यादा आबादी को लाभ मिल सके इसके लिए सरकार सब्सिडी देती है।

इन चीजों पर सरकार लगातार टैक्स में या सीधा कैश में लगातार फायदा देती रहती है।

सब्सिडी बिजनेस को बढ़ावा देती है

सरकार नए बिजनेस को शुरू करने के लिए लोगो को काफी चीजों में सब्सिडी देती रहती है ताकि देश में ज्यादा से ज्यादा बिजनेस शुरू हो सके।

क्युकी बिजनेस ज्यादा से ज्यादा लोगो को रोजगार प्रदान करता है इससे लोगो की आय बढ़ती है और जब लोगो की आय बढ़ती है तो देश आगे बढ़ता है।

सरकार बिजनेस को सीधा कैश में फायदा ना देकर उन्हें टैक्स में काफी सारी छूट दे देती है।

सब्सिडी के कुछ उदाहरण

सब्सिडी के कुछ अच्छे उदाहरण की बात की जाए तो वो गांवों के गरीब लोगो को रोजगार देने के लिए मनरेगा, सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल का प्रोग्राम, फार्म लोन और हेल्थकेयर में अन्य कुछ सब्सिडिया अच्छे उदाहरण है जिन्होंने आम लोगो को जिन्दगी में काफी बदलाव किए है।

सब्सिडी के नुकसान

सप्लाई की कमी होना होना

जब सरकार लोगो को किसी सामान पर सब्सिडी देने के लिए उसका मूल्य कम करती है तो सस्ता होने के कारण उस प्रोडक्ट की मार्केट में मांग बढ़ जाती है, जिससे वह प्रोडक्ट स्टॉक से जल्दी ही खत्म होने लगता है।

कई बार इन कारणों से प्रोडक्ट का मूल्य फल से भी ज्यादा महंगा हो जाता है। 

काफी लोगो का नुकसान होता है

जैसा कि आप जानते है की सरकार के पास जो पैसा आता है वो लोगो के टैक्स से आता है, जब सरकार उस पैसे को कुछ लोगो को सुनाई देने के खर्च करती है तो उन सब टैक्स देने वाले लोगो का इस सब्सिडी से कोई भला नही होता है।

क्युकी सब्सिडी ज्यादातर किसानों, बिजनेस और आम लोगो को दी जाती है जिससे ज्यादातर टैक्स देने वाले लोगो का कोई भला नहीं हो पाता है।

बड़े लोग ज्यादा लाभ उठाते है

बहुत बार सब्सिडी का फायदा काफी सारे गलत लोगो को पहुंच जाता है। सरकार ज्यादातर सब्सिडी को गरीब लोगो की मदद करने के लिए निकलती है पर वो सब्सिडी गरीब लोगो तक पहुंचाने के लिए अमीर लोग ही शामिल होते है और इसी कारण से काफी बड़ा हिस्सा वो घोटाले से अपने पास भी रख लेते है और अमीर लोगो को गरीबों की लिस्ट में शामिल करके उनको भी सब्सिडी दे देते है।

इस तरीके से काफी जरूरतमंदों की मदद होने की बजाय गलत लोगो की मदद हो जाती है।

सफलता मापना मुश्किल होता है

सब्सिडी का डाटा मापना काफी मुश्किल साबित होता है। जब सरकार सब्सिडी देती है और उससे कितने लोगो का भला हुआ है ये पता लगा पाना काफी मुस्किल साबित होता है।

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी

किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए कृषि में दो प्रकार की सब्सिडी दी जाती है –

  • डायरेक्ट या प्रत्यक्ष सब्सिडी 
  • इनडायरेक्ट या अप्रत्यक्ष सब्सिडी

1.प्रत्यक्ष सबसिडी

    प्रत्यक्ष सब्सिडी में किसानों को सरकार के द्वारा सीधा कैश या पैसा प्रदान किया जाता है ताकि वो कृषि करने के लिए अपनी जरूरत का सामान खरीद सके। इस प्रकार की सब्सिडी ज्यादातर विकसित देशों में प्रदान की जाती है भारत में बिलकुल कम है।

2.अप्रत्यक्ष सब्सिडी 

         अप्रत्यक्ष सब्सिडी में किसानों को सीधा कैश या पैसा ना देकर सरकान किसानों के लिए कृषि करने योग्य चीजों का मूल्य कम कर देती है ताकि किसान उन सब चीजों को आसानी से खरूद पाएं। भारत में आमतौर पर इस प्रकार की सब्सिडी ही प्रदान की जाती है।

प्रत्यक्ष सब्सिडी के उदाहरण –

प्रत्यक्ष सब्सिडी के उदाहरण की अगर बात की जाए तो अगर किसानों को खाद खरीदने के लिए पैसे सीधे उनके खाते में डाल दिए जाए तो ये सरकार द्वारा किसानों को डायरेक्ट सब्सिडी हो जाती है।

इसी को कैश सब्सिडी भी कही जा सकती है।

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शारांश –

तो जैसा की आप ऊपर पढ़ चुके है की सब्सिडी क्या होती है, तो सब्सिडी किसी भी विकसित या विकासशील देश के लिए काफी जरूरी होती है क्युकी किसी भी देश में हर प्रकार के व्यक्ति निवास करते है वो चाहे गरीब हो या अमीर और सभी लोग अपनी जिंदगी आराम से जी सके अपनी जरूरत का सामान खरीद पाए इसके लिए सरकार समय समय पर सब्सिडी प्रदान करती रहती है।

अगर आपका कोई सवाल है तो कॉमेंट में पूछ सकते है और आप इस जानकारी को अन्य लोगो के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर जरूर करे।

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